लय, ताल की ईश्वरीय दुनियाँ में रमता है मेरा मन
संगीत
से बढ़कर दुनियाँ में कुछ और नहीं. धरती पर संगीत का कोई
विकल्प हो ही नहीं सकता..... शायद ही कोई हो जिसे संगीत पसंद न हो ....... निजी रुचियों और
विधाओं में फर्क हो सकता है मगर संगीत से कोई घृणा नहीं कर सकता . यह सिर्फ आनंद और मज़े के लिए ही नहीं मगर एक सुखद पलायन भी है रोजाना की विडम्बना भरी जिन्दगी से
जिसमें हम एक प्रकार से कैद हो चुके है..... आप भले ही कैसे भी परिवेश और मूड में क्यों
न हों सुमधुर संगीत सब कुछ आसान कर देता है ..... इसका असर
जादुई है और इसमें सभी जख्मों को भर देने की अद्भुत क्षमता है |
मुझ जैसे
संगीत प्रेमी के लिए तो इसका नियमित रोजाना डोज जैसे जीवन की निरंतरता के
लिए अपरिहार्य है | मैं बिना इसके रह पाने की कल्पना तक नहीं कर सकती |
संगीत, लय, ताल में
गुम हो जाती मैं |
जैसे, मनपसंद रास्ते पर ,
यूँ ही घूमा करूँ मैं |
दुनिया की तमाम हलचलों से,
मतलबी काम, भेड़ चाल से |
बचने को तरसती मैं,
संगीत में बेसुध हो,
ये सब भूल जाती मैं |
मंत्रमुग्ध, नशा सा छाया,
नाच, गाने का मन हो आया |
अपने ही अंतस से जैसे जा मिली मैं,
बेखबर हो बाहरी दुनिया से,
बस, आकर छिप जाती मैं |
मेरा मन गा उठे हर कभी,
जब हूँ मैं कोई दिक्कत में,
हाँ दोस्त, बस तभी |
सारे गम भूल कर खो जाती मैं,
अपनी ही दुनिया में रम जाती मैं |
बस पल भर में ही,
चुस्त दुरुस्त हो जाती मैं |
सब छोड़कर, जब गुनगुनाती मैं |
प्रश्न: आपके जीवन में "संगीत" के क्या मायने है ??
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All I need is Rhythm Divine
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come here from Malaysia =)
ReplyDeleteहिंदी रूपांतरण भी बढ़िया है ।
ReplyDeleteसंगीत तो जीवन को तार सकने में सक्षम है।
ReplyDeleteमंत्रमुग्ध, नशा सा छाया,
ReplyDeleteनाच, गाने का मन हो आया |
अपने ही अंतस से जैसे जा मिली मैं,
बेखबर हो बाहरी दुनिया से,
बस, आकर छिप जाती मैं |वाह....
संगीत से संपर्क होते मैं भीड़ से अलग एक काल्पनिक दुनिया में होती हूँ
//दुनिया की तमाम हलचलों से,
ReplyDeleteमतलबी काम, भेड़ चाल से |
बचने को तरसती मैं,
संगीत में बेसुध हो,
ये सब भूल जाती मैं |.....trueeee!!...Music is a world in itself, with differnt countries (read genres) and the biggest benefit is it depends on u where do u want to go at any point of time (unlike other things in life - it follows ur order - u can listen to what u are feeling like - or what u want to feel like)
बहुत अच्छा उत्तम विचार ....संगीत की दुनिया बड़ी ही सुन्दर है |
ReplyDeleteसंगीत कला साहित्य विहीनः साक्षात पशु पुच्छ विषाण हीनः -संगीत विहीन मनुष्य बिना पूछ और सींग वाला पशु है -हमारे संस्कृत विद्वानों ने पहले ही कह रखा है -संगीत की जीवन में प्रधानता स्थापित करती पोस्ट !
ReplyDeleteBeautiful...really very beautiful! Congrats!
ReplyDeleteसंगीत दिलों के बीच की भाषिक क्या हर द्वारदीवार को गिरा देता है हर गांठ दुःख दर्द की खोल देता है .विषाद से विरेचन है संगीत .चिकित्सा है संगीत तन की मन की आत्मा की .जीवन शैली है संगीत गाते बजाते जीना अंदाज़ है ज़िन्दगी का .
ReplyDeleteबहुत हि खुब लिखाहे...
ReplyDeleteNicely crafted Jyoti...
ReplyDeleteLoved both the versions...
Music is for soul and for world as a whole....To me its as important as poetry...somewhere both the interest are connected. Playing instruments is one of the passion of mine though have not learnt formally.
Last stanza particularly last 5 lines...Fantastic feel...
संगीत जीवन को सहज रखता है ...शुभकामनाएं !
ReplyDeleteमैं संगीत को जीवन में चेतना प्रदान करने वाला सक्षम और शक्तिशाली साधन मानता हूँ.'सुर' से संगीत होता है और 'असुर' से शोर.
ReplyDeleteसुर और असुर के बारे में मैं अपनी पोस्ट 'ऐसी वाणी बोलिए' का निम्न पैरा उद्धृत कर रहा हूँ
"सुर और असुर समाज में हमेशा से ही होते आयें हैं.सुर वे जन हैं जो अपने विचारों ,भावों और कर्मो के माध्यम से खुद अपने में व समाज में सुर ,संगीत और हार्मोनी लाकर आनन्द और शांति की स्थापना करने की कोशिश में लगे रहते हैं. जबकि असुर वे हैं
जो इसके विपरीत, सुर और संगीत के बजाय अपने विचारों ,भावों और कर्मो के द्वारा अप्रिय शोर उत्पन्न करते रहते हैं और समाज में अशांति फैलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते. इसका मुख्य कारण तो यह ही समझ में आता है कि सुर जहाँ ज्ञान का अनुसरण कर जीवन में 'श्रेय मार्ग' को अपनाना अपना ध्येय बनाते हैं वहीँ असुर अज्ञान के कारण 'प्रेय मार्ग' पर ही अग्रसर रहना पसंद करते हैं और जीवन के अमूल्य वरदान को भी निष्फल कर देते हैं."
आपसे और सभी सुधि जनों से अनुरोध है कि आप मेरी पोस्ट
'ऐसी वाणी बोलिए' अवश्य पढियेगा.
ज्योति जी,...बोझिल मन को शीतलता प्रदान करने के लिए संगीत सबसे अच्छा माध्यम है,खुबशुरत पोस्ट,....
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....
आफिस में क्लर्क का, व्यापार में संपर्क का.
जीवन में वर्क का, रेखाओं में कर्क का,
कवि में बिहारी का, कथा में तिवारी का,
सभा में दरवारी का,भोजन में तरकारी का.
महत्व है,...
पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
ज्योति , मेरी नई पोस्ट 'हनुमान लीला भाग-२'
ReplyDeleteपर आईयेगा.
आपके अमूल्य विचार मुझे बहुत अच्छे लगते हैं.
मन, हृदय और आत्मा का सबसे विश्वसनीय साथी है संगीत।
ReplyDeleteमैं तो संगीत के साथ रोज 4-5 घंटे व्यतीत करता हूं, सुनकर और वादन कर।
I fully recognize with your thoughts expressed in the post.....and my answer to your question
ReplyDeletehttp://balanisunil.blogspot.com/2009/07/music-language-of-mankind.html