Thursday, June 16, 2011

मैं भ्रष्टाचार हूँ


खंडित एकाग्रता
हर आदमी की राह में अब मैं
एक रुकावट और समस्या हूँ ,
मगर तुमने ही तो मुझे समर्थन दिया
अब मेरा है अब तुम पर राज
तुम्हारा मेरा एक साझा
अस्तित्व है ,
तुम्हारे साथ मैं और
अपराजेय बनता गया हूँ
समय के साथ ...

तुम्ही ने तो मुझे पाला पोसा
और बड़ा किया है ...
लेकिन मैं इसका कहाँ अहसानमंद ?
मेरी कूटनीति ,नियम और
नीतियाँ अलग सी हैं ...
तुम्हारे वन्शाणुओं में पैबस्त होकर
मैंने तुम्हारी विरासत को ही कर डाला
संदूषित

दबंग या निर्बल मेरा अस्तित्व
अब सर्वव्यापी हो चला है
अब मेरा खात्मा ?
सवाल ही नहीं है
मैं तो अब और विराट होता जा रहा
मुझसे छुटकारे की अब कोई राह नहीं
क्योकि तुमने ही तो मुझे अंगीकार किया
बढ़ाया फैलाया है ..

तुम्हारी खंडित एकाग्रता
और रुढियों का फायदा
मुझे ही तो मिलना है ..
विकल्पहीन मनुजों तुमाहरी दुनियां से ..
अब मेरे वजूद का मिटना नामुमकिन है !

मैं भ्रष्टाचार हूँ !

Original Version
Divided Attentions..

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अवांछित


उस माल के बाहर
हर रोज उसने किया इंतज़ार
कोई एक भी मौका पाने का
भाग्य का पिटारा खुल जाने का
और उस माल के भीतर जाने का
और देखने का सपनो का संसार
दर्प के साथ स्वर्ग में विचरण का 


एक स्वर्ग जिसके बारे में उसने
केवल पोस्टरों और चित्रों से जाना था
या फिर अपने हमदम दोस्तों से सुना था
दोस्त जो खुद भी तो उतने अमीर नहीं थे..
मगर आडम्बरी और बडबोले थे.....
मगर उससे तो वे बेहतर ही थे..
सोचता रहता था वो ...
उसने भी अपने अरमानों को कहाँ खोया था ...


बाहरी दरवाजों से ही
वह निगाहे गड़ाए रहता
माल के भीतर के चमकते फर्श ,लोगों
और इन्द्रधनुषी बिजली के लट्टुओं पर
ईश्वर को अक्सर कोसता आखिर वह
इतना अनचाहा क्यों है इस दुनिया में 


उसका सपना था
माल के अन्दर जाकर
अपनी बहन के लिए थोड़ी खरीददारी करना
उसके लिए बार्बी की एक गुडिया ला देना
जिसे उसकी बहना ने एक दिन बस स्टाप पर
बगल से गुजरती कार में देखा था ..
जब वह गुलदस्ते बेच रही थी...


 वे पहले तो कितना जीवन से संतुष्ट थे
न थी उन्हें कोई ख़ास चाह
जब तक कि उन्होंने नहीं देखा था
उस अनचाही चमकीली दुनियाँ को
उन मासूम दिलों को कहाँ था पता था
मायावी दुनियाँ के ललचाते वजूद का
मगर यहाँ सवाल उठता है
अनचाहा कौन है
वह मासूम बचपन जिसका मुस्तकबिल
आखिर क्यों न हो
एक चमकीली दुनियाँ का हकदार
या उनकी साध और इच्छाएं
जो अनगिन और अनन्त हैं ..
..

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