राजनीति ....आप सोच रहे होंगें या तो मैं पागल हो चुकी हूँ या इन दिनों पढ़ाई ज्यादा कर रही हूँ जिसके कारण मेरे मन में राजनीति खेलने जैसे मूर्खता भरे विचार उठ रहे हैं | विश्वास कीजिये ये सब में सोच समझ कर लिख रही हूँ | सच तो यह है की हम सब राजनीति करते हैं और हम में से कुछ तो उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ बनने की क्षमता रखते है | चलिए इसके पहले कि आप पोस्ट पढना बंद कर दें राजनीति की कुछ बात हो जाय|
क्या है राजनीति?
एक अवधारणा के रूप में राजनीति के कई रूप और अर्थ हैं ..लोगों के अपने अपने विचार हैं कि राजनीति आखिर है किस शगल का नाम ? कुछ तो बस यही मान लेते हैं रो राजनीतिज्ञ करते धरते हैं वही राजनीति है |
महात्मा गाँधी ने कहा है की कोई भी इंसान राजनीति से नहीं बच सकता | यह एक सांप की जकड की तरह है जिससे हम बच नहीं सकते सिर्फ लड़ सकते है |
न जाने क्यों लोग राजनीति को हमेशा गलत नज़र से देखते है |
अक्सर आपने लोगों को कहते हुए सुना होगा - " भैया हम नहीं करते राजनीति, हम तो दूर ही अच्छे" लेकिन सच तो यह है की रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी में आम इन्सान से ज्यादा राजनीति कोई और नहीं करता, तो फिर इस बात को मानने में दिक्कत व शर्म कैसी ? चलो खेलें राजनीति |
क्या हम अभ्यस्त नहीं
तोड़ने मरोड़ने के
अपनी आईडिया और विचारों
को फ़ैलाने व थोपने के ? ....
क्या हम जुड़ना नहीं चाहते
केवल खुद के आनंद से ,
बडप्पन और दूसरों पर प्रभुता जमाने
की नीयत से ?
रहते हैं हम खोये अपने ही निजी स्वार्थों में
लगती हैं अच्छी अपने ही मतलब की बातें
हमारे खुद के अपने अजेंडा हैं ,
अपने टेम्पलेट और फार्मूले |
क्या गोलबंदी कर , हम संघ
व दुरभि संधियाँ नहीं बनाते ?
अपने गुटों में बटें, गहरे डूबे
संवेदनाओं से शून्य जड़वत
अपने ही मायाजाल में
उलझे नहीं रहते |
बिलकुल राजनितिक दलों की तरह
हम भी कूटनीति नहीं करते ??
तो चलिए खेलें हम राजनीति का खेल
वैसा ही तो जैस पहले से खेलते आये हैं |
कैसे कर सकते हैं भला इससे इनकार
क्योकि यही तो सच है !
अब मान भी जाओ यार !!!

आओ खेलें राजनीति