Monday, August 22, 2011

समय... एक शिक्षक



बिना प्रत्याशा के आने वाली 
कितनी ही घटनाओं से भरा पूरा है
 जीवन का पैमाना.....
व्यतीत घटनाएं  बस रह जाती हैं 
दादी अम्मा की कहानियाँ ,
किस्से ,संस्मरण और झांकियां 

द्रुत गति से भागता समय ,
याद दिलाता है उस बिरवे को 
समय के साथ जो बनता गया है 
एक वटवृक्ष ...
कितना छोटा है जीवन का वजूद
कल्पों के इन्ही अनगिनत
अशेष टुकड़ों में बंटा...
मानों अभी हड़प्पा काल 
जैसे कल  ही तो हो घटा
उसके बाद मौर्य काल की छटा 
पल पल में इक नया विहान 
नयी संस्कृति नए युग का आह्वान 
बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध महान 
दे रहे मानवता को नया ज्ञान 
कराते हमारे हमारी गलतियों 
और पापों का सम्यक ज्ञान 

अकबर काल के मानो कुछ ही पहले 
ही हुआ हो हरफनमौला 
सम्राट अशोक का अवतरण 
अचम्भित जनता करती जिनका 
चरण  वंदन ...
आह उन दिनों की दर्दभरी दास्ताँ 
 गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हिन्दुस्तां 
दुर्भाग्य और विवशता का शोक गान 
दिमागों में और जमीन पर छिड़ी एक 
अनवरत जंग .....
हर ओर  था जंगे आजादी का ऐलान 
आखिर  आ गया
वह दिन भी ,जब
था सारा विश्व स्तंभित

हुआ था भारत आजाद 
चहुँ ओर थी बिखरी प्रसन्नता 
खुशियों का इज़हार 
समय कैसे निकल चुका था 
निःशब्द दबे पाँव,पढाता
मानवीय प्रज्ञा को
 क्षण भंगुरता का  पाठ ....
_________________________________________________
Time..
http://jyotimi.blogspot.com/2011/08/time-flies.html
_________________________________________________

Share/Bookmark

13 comments:

  1. अच्छा लिखा है.........शुभकामनायें !!!

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर लिखा है आपने!
    आपको एवं आपके परिवार को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    ReplyDelete
  3. कभी - कभी समय के साथ गुजरा इतिहास यूँ भी चलचित्र की तरह आँखों के सामने गुजर सा जाता है.

    ReplyDelete
  4. कल आज और कल इतिहास बोध को समेटती काब्यात्मक प्रस्तुति . ...शुक्रिया ... रमादान (रमजान ,रमझान )मुबारक ,क्रष्ण जन्म मुबारक .मैं भी अन्ना ,तू भी अन्ना ,सारे अन्ना हो गए ,दिग्गी ,सिब्बल और मनीष सब चूहे बिलों में सो गए (डॉ .वेद प्रकाश ).......ॐ भूर्भुवास्व .....कृष्णा -अन्ना प्रचोदयात ...
    ....
    कुँवर कुसुमेश
    अन्ना के अभियान में,जनता उनके साथ.
    शायद भ्रष्टाचार से,अब तो मिले निजात.
    अब तो मिले निजात,साथ दो मुरली वाले.
    जिधर देखिये उधर,लूट-हत्या-घोटाले.
    बने नया इतिहास,लिखे यह पन्ना-पन्ना.
    सर्व -व्यापी सर्व -भक्षी भ्रष्टाचार हिन्दुस्तान की काया में कैंसर सा फ़ैल गया है .".............ॐ भूर्भुवास्व ..........कृष्णा अन्ना प्रचोदयात .......ही अब इसका खात्मा करेगा .
    .......
    जय अन्ना ,जय भारत . . रविवार, २१ अगस्त २०११
    गाली गुफ्तार में सिद्धस्त तोते .......
    http://veerubhai1947.blogspot.com/2011/08/blog-post_7845.html

    Saturday, August 20, 2011
    प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
    गर्भावस्था और धुम्रपान! (Smoking in pregnancy linked to serious birth defects)
    http://sb.samwaad.com/

    रविवार, २१ अगस्त २०११
    सरकारी "हाथ "डिसपोज़ेबिल दस्ताना ".

    http://veerubhai1947.blogspot.com/

    ReplyDelete
  5. सच है मनुष्य के धरती के आगमन को अगर धरती के जन्म के समय से देखा जाय तो अभी बस कुछ ही पल ही तो बीते हैं यहाँ उसे आये ..कौन माप पाया है समय की गति को -कोई इसे मन की गति के तुल्य रखता है तो कोई प्रकाश की गति से इसका सम्बन्ध स्थापित करता है -कारन अगर हम प्रकाश की गति से तेज चले जायं तो समय का पुनरावर्तन हो जाएगा -यानी समय का तीर पलट जाएगा ....आपने काव्यात्मक तरीके से समय की तीव्रता और मनुष्य इतिहास की क्षणभंगुरता को अपने तरीके से बयां किया है -बहुत विचारपूर्ण और अभिनव प्रस्तुति!

    ReplyDelete
  6. बेहतरीन, इतिहास के अध्यायों से बहता शब्दों का प्रवाह।

    ReplyDelete
  7. समय की वास्तविकता बताती रचना...आभार..
    आपका स्वागत है मेरे ब्लाग पर...

    ReplyDelete
  8. सारगर्भित सुन्दर रचना....अभिव्यंजना में आप का स्वागत है...धन्यवाद..

    ReplyDelete
  9. क्या सच बात कही है.
    यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
    अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html

    ReplyDelete
  10. जन लोकपाल के पहले चरण की सफलता पर आप सभी को बहुत बहुत बधाई.. 1 ब्लॉग सबका ...

    ReplyDelete
  11. सच्चाई को वयां करती हुई अत्यंत सुन्दर रचना , बधाई.

    ReplyDelete